कर्तव्यपथी देशभक्त (भाग 2)
(कविता का शेष भाग)
न रहे गाँद्यी .............
देश स्वतन्त्र होने पर जिन्होने,भारत को सुद्ढ बनाया था ।
देश बढ़े इस खातिर,नव निर्माण कराया था,
लाल बहादुर हो या नेहरू,देश सदा करता सम्मान ।
न रहे गांँधी ...........
एक ने सत्य अहिंसा की राह को अपनाया था,
त्यागी,बलिदानी रहकर आगे बढना सिखलाया था
एक ने देश की रक्षा का,भार स्वंय उठाया था,
मिसायलों की झड़ी लगाकर, मिसाइल मैन कहलाया था
एेसे गांँधी और कलाम को, देश सदा करता सलाम ।
न रहे गांँधी ..........
प्रेषक : राजीव गिरि
न रहे गाँद्यी .............
देश स्वतन्त्र होने पर जिन्होने,भारत को सुद्ढ बनाया था ।
देश बढ़े इस खातिर,नव निर्माण कराया था,
लाल बहादुर हो या नेहरू,देश सदा करता सम्मान ।
न रहे गांँधी ...........
एक ने सत्य अहिंसा की राह को अपनाया था,
त्यागी,बलिदानी रहकर आगे बढना सिखलाया था
एक ने देश की रक्षा का,भार स्वंय उठाया था,
मिसायलों की झड़ी लगाकर, मिसाइल मैन कहलाया था
एेसे गांँधी और कलाम को, देश सदा करता सलाम ।
न रहे गांँधी ..........
प्रेषक : राजीव गिरि
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