जो तुने भुला दिया,न किया ऐतबार, दिखाकर हजार सपने,दी ठोकर तूने मार । मिल गया मुझको भी,मेरे जीने का आधार, जो है हजारो क्या,लाखो में बेशुमार ।
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Showing posts from 2017
तेरी यादें, मेरी बेचैनी
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( एक शाम आशिक के द्वारा माशूका की याद में लिखी गयी लाइनें) शाम ढलने लगी है ,कुछ इस तरह, चारो तरफ है,धुँआ ही धुँआ । शाम .......................... बादलों का समां है,कुछ इस तरह, मेघों ने,बरसना शुरू कर दिया । शाम ......................... अब तो थमने लगा है पहर शाम का, तारों ने चमकना, शुरू कर दिया । शाम ........................ चाँदनी रात छत पर चलती हुई, मुस्कुराती हुई,खिलखिलाती हुई रात बढ़नें लगी है, कुछ इस तरह, चारो तरफ है शमां खुशनुमां । आ जाओ सनम, अब तो कर लो मिलन रात का ये समां, वरना थम जायेगा । रात बढने ............... अब तो थमने लगा है पहर रात का, न सोचा था, दिल टूट के,यूँ बिखर जायेगा । रात बढ़ने लगी है, कुछ इस तरह, दिल जलता हुआ,सब बिखरता हुआ । राजीव गिरि
कर्तव्यपथी देशभक्त (भाग 2)
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(कविता का शेष भाग) न रहे गाँद्यी ............. देश स्वतन्त्र होने पर जिन्होने,भारत को सुद्ढ बनाया था । देश बढ़े इस खातिर,नव निर्माण कराया था, लाल बहादुर हो या नेहरू,देश सदा करता सम्मान । न रहे गांँधी ........... एक ने सत्य अहिंसा की राह को अपनाया था, त्यागी,बलिदानी रहकर आगे बढना सिखलाया था एक ने देश की रक्षा का,भार स्वंय उठाया था, मिसायलों की झड़ी लगाकर, मिसाइल मैन कहलाया था एेसे गांँधी और कलाम को, देश सदा करता सलाम । न रहे गांँधी .......... प्रेषक : राजीव गिरि
कर्तव्य पथी देशभक्त
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न रहे गाँधी ,न रहे कलाम ,फिर ही जीवित है उनका नाम, कर्त्तव्य पथ पर जो डटे रहे, हर बाधा को पर करते रहे | विषम परिस्थिति होने पर भी हर कार्य को दिया पूर्ण अंजाम, न रहे गाँधी ............................ रणबाँकुरे वीरो से अंग्रेजो का गढ़ घबराया था, देशभक्त वीरो ने भारत का परचम लहराया था | भगत सिंह हो या सुखदेव राजगुरु हो या आजाद, सभी बलिदानी वीरो को भारत का शत शत प्रणाम | न रहे गाँधी ............................ देश सेवा का हो प्रण या विदेश में प्रतिष्ठा का हो प्रश्न, सुभाष चन्द्र हो या विवेका नन्द देश को जीना सिखलाया था | हर परिस्थिति में ये सेवक ,रहे देश की शान, न रहे गाँधी ............................ क्रमशः .................... ...
बेटी बचाओ,बेटी पढाओ
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जब दुनिया में आती, भाग्य साथ में लाती हैं। Add caption 99 भाग्य से बेटा होता, ये तो सौभाग्यवती कहलाती हैं। दुनिया में आने से पहले, दुनिया में आने के वाद क्रूरता और कोप का भाजन, क्यो बनाते हो बेटी को। बेटे चाहे परवाह न करे, फिक्र रहती है बेटी को। क्यो करते हो भेदभाव तुम, बेटा हो या बेटी हो। बेटी बचाओ बेटी पढाओ, कम...