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Showing posts from November, 2017
जो तुने भुला दिया,न किया ऐतबार, दिखाकर हजार सपने,दी ठोकर तूने मार । मिल गया मुझको भी,मेरे जीने का आधार, जो है हजारो क्या,लाखो में बेशुमार ।